Thursday, 9 October 2014

संतान सुख : क्या शिशुयों की देखभाल गर्भ से ही संभव है? संतान को बनाये सुपर किड :Santan ko banaye super kid :Care is only possible in pregnancy?

गर्भ मास के अधिपति ग्रह व उनका दान
गर्भाधान से नवें महीने तक प्रत्येक मास के अधिपति ग्रह के पदार्थों का उनके वार में दान करने से गर्भ क्षय का भय नहीं रहता |  गर्भ मास के अधिपति ग्रह व उनके दान निम्नलिखित हैं ——
प्रथम मास — – शुक्र  (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा शुक्रवार को
द्वितीय मास —मंगल ( गुड ,ताम्बा ,सिन्दूर ,लाल वस्त्र , लाल फल व दक्षिणा मंगलवार को  )
तृतीय मास —  गुरु (    पीला वस्त्र ,हल्दी ,स्वर्ण , पपीता ,चने कि दाल , बेसन व दक्षिणा गुरूवार को  )
चतुर्थ मास —  सूर्य (    गुड ,  गेहूं ,ताम्बा ,सिन्दूर ,लाल वस्त्र , लाल फल व दक्षिणा रविवार को )
पंचम मास —-  चन्द्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा सोमवार को )
षष्ट मास — –-शनि ( काले तिल ,काले उडद ,तेल ,लोहा ,काला वस्त्र व दक्षिणा  शनिवार को )
सप्तम मास —– बुध ( हरा वस्त्र ,मूंग ,कांसे का पात्र ,हरी सब्जियां  व दक्षिणा बुधवार को )
अष्टम मास —-   गर्भाधान कालिक लग्नेश ग्रह  से सम्बंधित दान उसके वार में |यदि पता न हो तो अन्न ,वस्त्र व फल का दान अष्टम मास लगते ही कर  दें |
नवं मास —-    चन्द्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा सोमवार को ) क्या शिशुयों की देखभाल गर्भ से ही संभव है?एस्ट्रो अंकल टिप्स Care is only possible in  pregnancy? tips/upay
क्या शिशुयों की देखभाल गर्भ से ही संभव है?
नौ माह के गर्भ के दौरान शिशु जीवन किन किन गृहों से प्रभावित होता है?
मेरे प्रिय गुरु श्री पवन सिन्हा जी (एस्ट्रो अंकल) बच्चो की परवरिश पर विशेष जोर देतें है, उनके द्वारा बताये गए अनुभूत उपाय व् सावधानियां आपसे बतना चाहता हूँ उम्मीद करता हूँ की आप भी इनका लाभ उठाएं व् अपने आसपास के लोगों को भी लाभान्वित करें.
प्रथम माह:
प्रथम माह शुक्र गृह से संचालित होता है, जो उत्तम व् सुंदर संतान देता है, - सौंफ और मिश्री का दान व् सेवन करें.
द्वितीय माह:
मंगल - मजबूत स्वस्थ्य व् हड्डियाँ देता है - गुड का दान करें, लाल वस्त्र न पहनें, सुन्दरकाण्ड का पाठ करें.
तिर्तिया माह:
गुरु - प्रसिधी देता है, संस्कार देता है - हल्दी न खाएं, दान करें, अच्छा साहित्य पढ़ें, गुरु का सानिध्य प्राप्त करें, चन्दन का तिलक लगायें.
चतुर्थ माह:
सूर्य - अच्छी वाणी व् तेज़ दिमाग देता है - गायत्री मंत्र सूर्योदय के समय जपें, जल ज्यादा पियें, कला का अभ्यास करें.
पंचम माह:
चन्द्रमा - अच्छा व्यवहार देता है व् तेज़ दिमाग प्राप्त होता है - वैज्ञानिक व् धार्मिक पुस्तकें पढ़ें, चांदी का कड़ा अथवा छल्ला पहनें. ठंडी चीजों का सेवन न करें, ओउम नमः शिवाय का जप करें.
छठा माह:
शनि - उत्तम स्वस्थ्य व् स्नायु तंत्र देता है - कुष्ठ रोगियों के सेवा करें, चांदी के साथ लोहे का कड़ा या छल्ला पहनें, ५ पीपल के वृक्ष लगायें, गायत्री का जप करें, लोह्सव का सेवन करें.
सप्तम माह:
बुध - उत्तम त्वचा, फेंफडे व् श्वास तंत्र देता है - हरा चारा गाय को दें, व् हरी सब्जियों का सेवन करें.
अष्टम माह:
इष्ट - सर्वगुण संतान देतें हैं - अपने इष्ट के साधना करें - गणित पढ़ें - लेट भोजन न करें - लोहे का कड़ा/छल्ला उतार दें, बेल पत्र डालकर नहाएं.
नवं माह:
चन्द्रमा - सिर्फ चांदी पहनें - महाम्र्तुन्ज्य का जाप करें - उजले वस्त्र पहनें.
उपरोक्त उपायों द्वारा एक स्वस्थ्य व् मेधावी संतान की प्राप्ति की जा सकती है.

 गर्भ मास के अधिपति ग्रह व उनका दान

गर्भाधान से नवें महीने तक प्रत्येक मास के अधिपति ग्रह के पदार्थों का उनके वार में दान करने से गर्भ क्षय का भय नहीं रहता | गर्भ मास के अधिपति ग्रह व उनके दान निम्नलिखित हैं ——

प्रथम मास — – शुक्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा शुक्रवार को )
द्वितीय मास — –मंगल ( गुड ,ताम्बा ,सिन्दूर ,लाल वस्त्र , लाल फल व दक्षिणा मंगलवार को )
तृतीय मास — – गुरु ( पीला वस्त्र ,हल्दी ,स्वर्ण , पपीता ,चने कि दाल , बेसन व दक्षिणा गुरूवार को )
चतुर्थ मास — – सूर्य ( गुड , गेहूं ,ताम्बा ,सिन्दूर ,लाल वस्त्र , लाल फल व दक्षिणा रविवार को )
पंचम मास —- चन्द्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा सोमवार को )
षष्ट मास — –- शनि ( काले तिल ,काले उडद ,तेल ,लोहा ,काला वस्त्र व दक्षिणा शनिवार को )
सप्तम मास —– बुध ( हरा वस्त्र ,मूंग ,कांसे का पात्र ,हरी सब्जियां व दक्षिणा बुधवार को )

अष्टम मास —- गर्भाधान कालिक लग्नेश ग्रह से सम्बंधित दान उसके वार में |यदि पता न हो तो अन्न ,वस्त्र व फल का दान अष्टम मास लगते ही र  दें |
नवं मास —- चन्द्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा सोमवार को )
 क्या खाने से होगा क्यूट बेबी?
खाएं कुछ ऐसा कि बच्चा खूबसूरत हो
Webdunia
यूं तो बच्चे खूबसूरत ही होते हैं लेकिन कई बार खानपान का प्रभाव बच्चों की त्वचा पर पड़ता है अत: अगर थोड़ा खानपान संबंधी बातों का ध्यान रखा जाए तो आने वाला शिशु उजला और मुलायम त्वचा वाला होगा। पेश है कुछ आसान से घरेलू उपाय जो बच्चों को सुंदर बना सकते हैं।
सौंफ, सुआ तथा तिल को अलग-अलग सेंक कर मिलाकर रख लें। यह मिश्रण मुखशुद्धि यानी माउथफ्रेशनर की तरह गर्भवती महिला दिन में चार बार इस्तेमाल करें तो शिशु गोरा चिट्टा होगा।
कच्चे नारियल की छोटी-छोटी गिरीयां मिश्री के साथ चबा-चबा कर खाने से भी बच्चा सुन्दर और चमकदार होगा।
काले और ताजे अंगूरों का रस एक गिलास नियमित सेवन करने से गर्भस्थ शिशु का रक्त शुद्ध होगा तथा जन्म के बाद उसकी त्वचा निखरी-निखरी रहेगी।
गाजर के रस से भी शिशु गौर वर्ण होता है।
सर्दियों के दिनों में केसर-बादाम युक्त दूध पीने से बच्चा सुकोमल और गुलाबी होता है।
रसीले संतरों का रोज सेवन करने से नवजात शिशु उजला एवं सुन्दर होता है।
 एस्ट्रो अंकल एपिसोड वीडियो : संतान को बनाये सुपर किड :Santan ko banaye super kid 

Santan ko banaye super kid - Pawan Sinha Live -10apr 2010p1
  कैसे एक स्वस्थ, बुद्धिमान और स्मार्ट शिशु जो अच्छे गुण ही हो?सब क्या गर्भावस्था की अवधि के दौरान करने के लिए सुनिश्चित करें कि

आप एक स्वस्थ बच्चा ही हो?

गर्भावस्था की अवधि के दौरान हर महीने नौ ग्रहों के बाहर एक विशेष ग्रह द्वारा नियंत्रित होता है।
१ महीना:
वीनस (Shukra) 1 महीने में सबसे अच्छा परिणाम देता है। अगर माँ का शुक्र कमजोर है, तो पहले महीने में, माँ कुछ समस्याओं का अनुभव होगा। यह इस वीनस मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, coz सबसे महत्वपूर्ण महीने के गर्भ के दौरान पहला महीना है।
उपचार इस वीनस मजबूत रखने के लिए:
part5-pawansinhalive-10-apr-2010 santan nine month -grah
पति पत्नी (जैसे, घर मंदिर) उनके घर पूजा स्थान साफ होना चाहिए
अपने घर को अच्छी तरह से प्रबंधित। आदेश में सभी चीजें रखने और का आयोजन किया।
२ माह:
२ माह मंगल ग्रह (मंगल) के अंतर्गत आता है। मंगल governes हड्डियों और रक्त। स्वस्थ और सुंदर लग रही है और मजबूत, निडर और बहादुर बच्चे अगर केवल मंगल अच्छा है संभव है।
(गर्भावस्था की 2 महीने में किया जा करने के लिए) मंगल ग्रह के लिए उपचार:
दूसरे महीने में, gurh (गुड़) दान
Spicey खाद्य इस माह के दौरान से बचें।
Sunderkaand Paath धर्म करते हैं।
दाहिने हाथ तांबे kada (कंगन)
लाल कपड़े पहनने नहीं
१० ग्राम shataavar और 10 ग्राम मिश्री, दूध और पीने में उबाल लें।
३ महीने:
यह बृहस्पति (Brahaspati या गुरु) के अंतर्गत आता है। अगर माँ का बृहस्पति मजबूत है, बच्चे की त्वचा सुंदर है। बच्चे अपनी माताओं का पालन करना। बच्चे बहुत बुद्धिमान आते हैं।
उपचार बृहस्पति मजबूत बनाने के लिए:
पढ़ें और साहित्य और विज्ञान के तीसरे महीने में चर्चा।
यदि बृहस्पति बहुत कमजोर है, तब नहीं हल्दी खाने और गुरु की कंपनी में रहो।
सफेद चंदन और केसर या हल्दी और केसर का तिलक लागू करें।
४ माह:
गर्भावस्था के 4 महीने सूरज (सूर्य) के अंतर्गत आता है। सूर्य आत्मा उत्थान और धर्म के लिए, महत्वपूर्ण है। अगर माँ का सूर्य मजबूत है, बच्चे एक मजबूत चेहरा है, और इस बच्चे गणित और दर्शन में अच्छा हो जाएगा। वह या वह अपनी सोच और मजबूत भाषण के माध्यम से समाज में महान ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। बच्चे बहुत प्रभावशाली हो जाएगा और एक चिंगारी में आँखें होगा।
 उपचार:
४ महीने में उगते सूरज के सामने बैठते हैं और गायत्री मंत्र paath करते हैं
तांबा ग्लास में पानी की बहुत पीने
कुछ कला का अभ्यास।
अम्लता करता है कि खाना खाने नहीं।
५ माह:
इस महीने चाँद (चन्द्र) के अंतर्गत आता है। अगर माँ का चाँद अच्छा है और मजबूत, बच्चे के व्यवहार एन डी भावनाओं है अच्छी तरह से - संतुलित। इस बच्चे खुश और वैज्ञानिक उन्मुख है। पति और पत्नी दोनों उनके बच्चे अच्छे चाँद है सुनिश्चित करने के लिए इन उपचार करना चाहिए। यदि पिता लालची, स्वार्थी या अज्ञानी है, तो कोई बात नहीं कैसे मजबूत माँ का चाँद है, बच्चे को एक बुरा चंद्रमा हो जाएगा।
पानी में चांदी गिलास पी लो। Regirgerated पानी से बचने के।
इस महीने में कॉपर कंगन (karha) निकालें और अपने दाहिने हाथ में एक चांदी कंगन पहनने।
भी, एक चांदी की अंगूठी अपने Kanishtha उंगली में पहनें। (रिंग फिंगर)
आध्यात्मिक साहित्य पर चर्चा और इस महीने के दौरान वैज्ञानिक बातों पर चर्चा
Anulom vilom कर
रसदार फल खा।
1 चम्मच एक गिलास गर्म दूध में घी का मिश्रण और भी, चीनी की एक छोटी राशि में जोड़ें। हर सुबह और शाम इस दूध पी लो।
"ओम नमः shivaya" या Mahamrtiyunjay मंत्र japa करते हैं।
६ महीने:
इस माह शनि (शनि) के है। शनि अच्छा तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। अगर शनि कमजोर है, बच्चे से संबंधित समस्याओं के रूप में अच्छी तरह से साँस लेने में हो सकता है।
उपचार अपने शनि मजबूत बनाने के लिए:
कि आपके शरीर में गैस बनाता है खाना खाने से बचें। (Baadi खाना खाने नहीं)
भी एक लौह कंगन या अंगूठी पहनने।
सुनिश्चित करें कि आप किसी भी लोहे की कमी नहीं है। खाना खाना है कि लोहे में अमीर है।
पानी, कि आप के लिए स्नान का उपयोग में कुछ 'बेल पत्र' यह में जोड़ें और तब एक स्नान है।
5 पीपल (दोनों पति और पत्नी यह करना चाहिए) पेड़ पौधे
राष्ट्रीय, सामाजिक और वैज्ञानिक मुद्दों पर चर्चा की।
दैनिक गायत्री और महा mrityunjay मंत्र या ओम नमः shivaya मंत्र सुनाना।
७ महीने:
बुध (बुद्ध) मानसिक रूप से सक्रिय, बहुत बुद्धिमान और स्मार्ट अपने बाल बनाने के लिए जिम्मेदार के लिए 7 महीने के गर्भ के अंतर्गत आता है। अच्छा बुध आपके बच्चे किसी भी मानसिक समस्या है नहीं होगा सुनिश्चित करता है
उपचार अपने पारा मजबूत बनाने के लिए:
"ओम" Japa करते हैं।
गणित का अध्ययन
लौह कंगन या लोहे की अंगूठी निकालने।
८ माह:
८ महीने के लिए अपने Ishta देवता का है। जो कोई भी अपने Ishta देवता है, उसे धार्मिक पूजा के दौरान इस महीने।
९ माह:
९ महीने जब बच्चा पैदा हो गया है समय है। इस महीने फिर से चंद्रमा के लिए - karaka माँ के अंतर्गत आता है।
क्या गर्भावस्था के 9 माह में करने के लिए? (दोनों पति और पत्नी इन tihngs करना चाहिए)
चांदी की अंगूठी या कंगन को छोड़कर किसी भी अन्य धातु नहीं पहनते।
रोजाना सुबह, शिव मंत्रों (ओम नमः shivaya या Mahamirtyunjay मंत्र) मंत्र। शाम में मानसिक रूप से एक ही मंत्र सुनाना।
Anulom Vilom करते हैं।
प्रकाश पहन रंग का सफेद, क्रीम या हल्के पीले रंग जैसे ही, कपड़े।
चित्र बनाते हैं। गणित का अध्ययन।
स्वस्थ और सकारात्मक आध्यात्मिक साहित्य और विज्ञान पर चर्चा।
as told byAstro Uncle SHRI PAWAN सिन्हा
गर्भ मास के अधिपति ग्रह व उनका दान
गर्भाधान से नवें महीने तक प्रत्येक मास के अधिपति ग्रह के पदार्थों का उनके वार में दान करने से गर्भ क्षय का भय नहीं रहता | गर्भ मास के अधिपति ग्रह व उनके दान निम्नलिखित हैं ——
प्रथम मास — – शुक्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा शुक्रवार को )
द्वितीय मास — –मंगल ( गुड ,ताम्बा ,सिन्दूर ,लाल वस्त्र , लाल फल व दक्षिणा मंगलवार को )
तृतीय मास — – गुरु ( पीला वस्त्र ,हल्दी ,स्वर्ण , पपीता ,चने कि दाल , बेसन व दक्षिणा गुरूवार को )
चतुर्थ मास — – सूर्य ( गुड , गेहूं ,ताम्बा ,सिन्दूर ,लाल वस्त्र , लाल फल व दक्षिणा रविवार को )
पंचम मास —- चन्द्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा सोमवार को )
षष्ट मास — –- शनि ( काले तिल ,काले उडद ,तेल ,लोहा ,काला वस्त्र व दक्षिणा शनिवार को )
सप्तम मास —– बुध ( हरा वस्त्र ,मूंग ,कांसे का पात्र ,हरी सब्जियां व दक्षिणा बुधवार को )
अष्टम मास —- गर्भाधान कालिक लग्नेश ग्रह से सम्बंधित दान उसके वार में |यदि पता न हो तो अन्न ,वस्त्र व फल का दान अष्टम मास लगते ही , दें |
नवं मास —- चन्द्र (चावल ,चीनी ,गेहूं का आटा ,दूध ,दही ,चांदी ,श्वेत वस्त्र व दक्षिणा सोमवार को )
  क्या शिशुयों की देखभाल गर्भ से ही संभव है?एस्ट्रो अंकल टिप्स Care is only possible in  pregnancy? tips/upay/
क्या शिशुयों की देखभाल गर्भ से ही संभव है?
नौ माह के गर्भ के दौरान शिशु जीवन किन किन गृहों से प्रभावित होता है?
मेरे प्रिय गुरु श्री पवन सिन्हा जी (एस्ट्रो अंकल) बच्चो की परवरिश पर विशेष जोर देतें है, उनके द्वारा बताये गए अनुभूत उपाय व् सावधानियां आपसे बतना चाहता हूँ उम्मीद करता हूँ की आप भी इनका लाभ उठाएं व् अपने आसपास के लोगों को भी लाभान्वित करें.
प्रथम माह:
प्रथम माह शुक्र गृह से संचालित होता है, जो उत्तम व् सुंदर संतान देता है, - सौंफ और मिश्री का दान व् सेवन करें.
द्वितीय माह:
मंगल - मजबूत स्वस्थ्य व् हड्डियाँ देता है - गुड का दान करें, लाल वस्त्र न पहनें, सुन्दरकाण्ड का पाठ करें.
तिर्तिया माह:
गुरु - प्रसिधी देता है, संस्कार देता है - हल्दी न खाएं, दान करें, अच्छा साहित्य पढ़ें, गुरु का सानिध्य प्राप्त करें, चन्दन का तिलक लगायें.
चतुर्थ माह:
सूर्य - अच्छी वाणी व् तेज़ दिमाग देता है - गायत्री मंत्र सूर्योदय के समय जपें, जल ज्यादा पियें, कला का अभ्यास करें.
पंचम माह:
चन्द्रमा - अच्छा व्यवहार देता है व् तेज़ दिमाग प्राप्त होता है - वैज्ञानिक व् धार्मिक पुस्तकें पढ़ें, चांदी का कड़ा अथवा छल्ला पहनें. ठंडी चीजों का सेवन न करें, ओउम नमः शिवाय का जप करें.
छठा माह:
शनि - उत्तम स्वस्थ्य व् स्नायु तंत्र देता है - कुष्ठ रोगियों के सेवा करें, चांदी के साथ लोहे का कड़ा या छल्ला पहनें, ५ पीपल के वृक्ष लगायें, गायत्री का जप करें, लोह्सव का सेवन करें.
सप्तम माह:
बुध - उत्तम त्वचा, फेंफडे व् श्वास तंत्र देता है - हरा चारा गाय को दें, व् हरी सब्जियों का सेवन करें.
अष्टम माह:
इष्ट - सर्वगुण संतान देतें हैं - अपने इष्ट के साधना करें - गणित पढ़ें - लेट भोजन न करें - लोहे का कड़ा/छल्ला उतार दें, बेल पत्र डालकर नहाएं.
नवं माह:
चन्द्रमा - सिर्फ चांदी पहनें - महाम्र्तुन्ज्य का जाप करें - उजले वस्त्र पहनें.
उपरोक्त उपायों द्वारा एक स्वस्थ्य व् मेधावी संतान की प्राप्ति की जा सकती है.

Episode Theme: How to have a healthy, intelligent and smart baby who's full of good qualities? What all to do during the pregnancy period itself to make sure you have a healthy baby?

Every month during the pregnancy period is governed by a particular planet out of the nine planets.

1st Month:
Venus (Shukra)gives the best results in the 1st month. If mother's Venus is weak, then in the first month, mother will experience some problems. It's important to make this venus strong, coz first month is the most important month during pregnancy.
Remedies to keep this Venus strong:
• Husband wife should clean their house worship place (like, home temple)
• Manage your house well. Keep all the things in order and organized.
2nd Month :
2nd Month belongs to Mars (Mangal). Mars governes bones and blood. Healthy and beautiful looking and strong, fearless and brave child is possible only if the Mars is good.
Remedies for Mars (to be done in the 2nd month of pregnancy):
• In the second month, Donate gurh (jaggery)
• Avoid spicey food during this month.
• Do sunderkaand Paath religiously.
• Right hand copper kada (Bracelet)
• Don't wear red clothes
• 10 gm shataavar and 10 gm mishri, boil in milk and drink.
3rd Month:
It belongs to Jupiter (Brahaspati or Guru). If mother's jupiter is strong, child's skin is beautiful. The children obey their mothers. The children come out very intelligent.
Remedies to make Jupiter strong:
• Read and discuss literature and science in the third month.
• If Jupiter is very weak, then don't eat haldi and stay in the company of guru.
• Apply tilak of white sandalwood and kesar or Haldi and Kesar.
4th Month:
4th Month of Pregnancy belongs to Sun. (Surya). For the soul upliftment and righteousness, Sun is important. If mother's Sun is strong, the child will have a strong face, and this child will be good in Maths and Philosophy. He or she will achieve great heights in society through his thinking and strong speech. The child will be very impressive and will have a spark in eyes.
Remedies:
• In the 4th month, sit in front of the rising sun and do Gayatri Mantra paath
• Drink lots of water in copper glass
• Practice some art.
• Don't eat food that makes acidity.
5th Month:
This month belongs to Moon (Chandra). If mother's moon is good and strong, the child's behaviour nd emotions is well - balanced. This child is happy and scientific-oriented. Both husband and wife must do these remedies to make sure their child has good moon. If the father is greedy, selfish or ignorant, then no matter how strong the mother's moon is , the child will have a bad moon.
• Drink water in silver glass. Avoid regirgerated water.
• In this month, remove the copper bracelet (karha) and wear a silver bracelet in your right hand.
• Also, wear a silver ring in your Kanishtha finger. (ring finger)
• Discuss spiritual literature and discuss scientific things during this month
• Do Anulom vilom
• Eat juicy fruits.
• Mix 1 tablespoon of Ghee in a glass of warm milk and also, add a little amount of sugar in it. Drink this milk every morning and evening.
• Do japa of "Om namah shivaya" or Mahamrtiyunjay mantra.
6th Month:
This is the month of Saturn (Shani). Important to make Saturn strong to have good nervous system. If Saturn is weak, the child may have breathing related problems as well.
Remedies to make your Saturn strong :
• Avoid eating food that creates gas in your body. (Don't eat Baadi food)
• Also wear an iron bracelet or ring.
• Make sure that you don't have any iron-deficiency. Eat food that's rich in iron.
• In the water that you use for bathing, add some 'bel patra' in it and then have a bath.
• Plant 5 peepal trees (both husband and wife should do it)
• Discuss national, social and scientific issues.
• Daily recite Gayatri and Maha mrityunjay Mantra or Om namah shivaya mantra.
7th Month :
7th month of pregnancy belongs to Mercury (budha) responsible for making your child mentally active, very intelligent and smart. Good mercury makes sure your child won't have any mental problem
Remedies to make your Mercury Strong:
• Do "Om" Japa.
• Study Maths
• Remove iron bracelet or iron ring.
8th Month:
8th Month belongs to your Ishta Devta. Whoever your Ishta devta is, worship him religiously during this month.
9th Month:
9th month is the time when the child has to be born. This month again belongs to Moon - the karaka of mother.

What to do in the 9th month of pregnancy? (Both husband and wife must do these tihngs)
• Don't wear any other metal except silver ring or bracelet.
• Daily morning , chant Shiv mantras (Om namah shivaya or Mahamirtyunjay Mantra). In the evening recite the same mantras mentally.
• Do Anulom Vilom.
• Wear light colored clothes only eg, white, cream or light yellow.
• Make drawings. Study maths.
• Discuss healthy and positive spiritual literature and science. 
rudraksha tree
In the garden of the Shirdi Sai temple we find a rudraksha tree! Notice all the little fruit starting to form.
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गर्भावस्था की अवधि के दौरान
कैसे एक स्वस्थ, बुद्धिमान और स्मार्ट शिशु जो अच्छे गुण की पूरी है है? सब क्या गर्भावस्था की अवधि के दौरान करने के लिए सुनिश्चित करें कि आप एक स्वस्थ बच्चा है ही क्या?
हर महीने नौ ग्रहों के बाहर एक विशेष ग्रह द्वारा नियंत्रित होता है।
1 महीना:
वीनस (Shukra) 1 महीने में सबसे अच्छा परिणाम देता है। अगर माँ का शुक्र कमजोर है, तो पहले महीने में, माँ कुछ समस्याओं का अनुभव होगा। यह इस वीनस मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण है, coz सबसे महत्वपूर्ण महीने के गर्भ के दौरान पहला महीना है।
उपचार इस वीनस मजबूत रखने के लिए:
पति पत्नी (जैसे, घर मंदिर) उनके घर पूजा स्थान साफ होना चाहिए
अपने घर को अच्छी तरह से प्रबंधित। आदेश में सभी चीजें रखने और का आयोजन किया।
2 माह:
2 माह मंगल ग्रह (मंगल) के अंतर्गत आता है। मंगल governes हड्डियों और रक्त। स्वस्थ और सुंदर लग रही है और मजबूत, निडर और बहादुर बच्चे अगर केवल मंगल अच्छा है संभव है।
(गर्भावस्था की 2 महीने में किया जा करने के लिए) मंगल ग्रह के लिए उपचार:
दूसरे महीने में, gurh (गुड़) दान
Spicey खाद्य इस माह के दौरान से बचें।
Sunderkaand Paath धर्म करते हैं।
दाहिने हाथ तांबे kada (कंगन)
लाल कपड़े पहनने नहीं
१० ग्राम shataavar और 10 ग्राम मिश्री, दूध और पीने में उबाल लें।
3 महीने:
यह बृहस्पति (Brahaspati या गुरु) के अंतर्गत आता है। अगर माँ का बृहस्पति मजबूत है, बच्चे की त्वचा सुंदर है। बच्चे अपनी माताओं का पालन करना। बच्चे बहुत बुद्धिमान आते हैं।
उपचार बृहस्पति मजबूत बनाने के लिए:
पढ़ें और साहित्य और विज्ञान के तीसरे महीने में चर्चा।
यदि बृहस्पति बहुत कमजोर है, तब नहीं हल्दी खाने और गुरु की कंपनी में रहो।
सफेद चंदन और केसर या हल्दी और केसर का तिलक लागू करें।
4 माह:
गर्भावस्था के 4 महीने सूरज (सूर्य) के अंतर्गत आता है। सूर्य आत्मा उत्थान और धर्म के लिए, महत्वपूर्ण है। अगर माँ का सूर्य मजबूत है, बच्चे एक मजबूत चेहरा है, और इस बच्चे गणित और दर्शन में अच्छा हो जाएगा। वह या वह अपनी सोच और मजबूत भाषण के माध्यम से समाज में महान ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा। बच्चे बहुत प्रभावशाली हो जाएगा और एक चिंगारी में आँखें होगा।
उपचार:
4 महीने में उगते सूरज के सामने बैठते हैं और गायत्री मंत्र paath करते हैं
तांबा ग्लास में पानी की बहुत पीने
कुछ कला का अभ्यास।
अम्लता करता है कि खाना खाने नहीं।
5 माह:
इस महीने चाँद (चन्द्र) के अंतर्गत आता है। अगर माँ का चाँद अच्छा है और मजबूत, बच्चे के व्यवहार एन डी भावनाओं है अच्छी तरह से - संतुलित। इस बच्चे खुश और वैज्ञानिक उन्मुख है। पति और पत्नी दोनों उनके बच्चे अच्छे चाँद है सुनिश्चित करने के लिए इन उपचार करना चाहिए। यदि पिता लालची, स्वार्थी या अज्ञानी है, तो कोई बात नहीं कैसे मजबूत माँ का चाँद है, बच्चे को एक बुरा चंद्रमा हो जाएगा।
पानी में चांदी गिलास पी लो। Regirgerated पानी से बचने के।
इस महीने में कॉपर कंगन (karha) निकालें और अपने दाहिने हाथ में एक चांदी कंगन पहनने।
भी, एक चांदी की अंगूठी अपने Kanishtha उंगली में पहनें। (रिंग फिंगर)
आध्यात्मिक साहित्य पर चर्चा और इस महीने के दौरान वैज्ञानिक बातों पर चर्चा
Anulom vilom कर
रसदार फल खा।
1 चम्मच एक गिलास गर्म दूध में घी का मिश्रण और भी, चीनी की एक छोटी राशि में जोड़ें। हर सुबह और शाम इस दूध पी लो।
"ओम नमः shivaya" या Mahamrtiyunjay मंत्र japa करते हैं।
6 महीने:
इस माह शनि (शनि) के है। शनि अच्छा तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। अगर शनि कमजोर है, बच्चे से संबंधित समस्याओं के रूप में अच्छी तरह से साँस लेने में हो सकता है।
उपचार अपने शनि मजबूत बनाने के लिए:
कि आपके शरीर में गैस बनाता है खाना खाने से बचें। (Baadi खाना खाने नहीं)
भी एक लौह कंगन या अंगूठी पहनने।
सुनिश्चित करें कि आप किसी भी लोहे की कमी नहीं है। खाना खाना है कि लोहे में अमीर है।
पानी, कि आप के लिए स्नान का उपयोग में कुछ 'बेल पत्र' यह में जोड़ें और तब एक स्नान है।
5 पीपल (दोनों पति और पत्नी यह करना चाहिए) पेड़ पौधे
राष्ट्रीय, सामाजिक और वैज्ञानिक मुद्दों पर चर्चा की।

दैनिक गायत्री और महा mrityunjay मंत्र या ओम नमः shivaya मंत्र सुनाना।
7 महीने:
बुध (बुद्ध) मानसिक रूप से सक्रिय, बहुत बुद्धिमान और स्मार्ट अपने बाल बनाने के लिए जिम्मेदार के लिए 7 महीने के गर्भ के अंतर्गत आता है। अच्छा बुध आपके बच्चे किसी भी मानसिक समस्या है नहीं होगा सुनिश्चित करता है
उपचार अपने पारा मजबूत बनाने के लिए:
"ओम" Japa करते हैं।
गणित का अध्ययन
लौह कंगन या लोहे की अंगूठी निकालने।
8 माह:
8 महीने के लिए अपने Ishta देवता का है। जो कोई भी अपने Ishta देवता है, उसे धार्मिक पूजा के दौरान इस महीने।
9 माह:
9 महीने जब बच्चा पैदा हो गया है समय है। इस महीने फिर से चंद्रमा के लिए - karaka माँ के अंतर्गत आता है।
क्या गर्भावस्था के 9 माह में करने के लिए? (दोनों पति और पत्नी इन tihngs करना चाहिए)
चांदी की अंगूठी या कंगन को छोड़कर किसी भी अन्य धातु नहीं पहनते।

रोजाना सुबह, शिव मंत्रों (ओम नमः shivaya या Mahamirtyunjay मंत्र) मंत्र। शाम में मानसिक रूप से एक ही मंत्र सुनाना।
Anulom Vilom करते हैं।
प्रकाश पहन रंग का सफेद, क्रीम या हल्के पीले रंग जैसे ही, कपड़े।
चित्र बनाते हैं। गणित का अध्ययन।
स्वस्थ और सकारात्मक आध्यात्मिक साहित्य और विज्ञान पर चर्चा।
-as told byAstro Uncle SHRI PAWAN SINHA
जन्म कुंडली से जाने  संतान सुख
  पांचवें भाव से संतान सुख के  बारे मे   विचार करते  है |
 पांचवां भाव  ,भाव का  राशि व उसका स्वामी , कारक बृहस्पति और सप्तमांश कुंडली, इन सभी का विचार संतान सुख के लिए  किया जाता है |
संतान सुख प्राप्ति के  ग्रहो का प्रभाव :
पंचम भाव में बलवान शुभ ग्रह गुरु ,शुक्र ,बुध , चन्द्र ,स्व  उच्च राशि मे  हो तथा लग्न से केन्द्र ,त्रिकोण ,शुभ दृष्ट हो , संतान कारक गुरु  , तो ही संतान सुख की मिलता  है | शनि मंगल पाप ग्रह भी यदि पंचम भाव में स्व ,मित्र ,उच्च राशि के होने पर भी संतान सुख की मिलता  है. पंचम भाव ,पंचमेश तथा कारक गुरु तीनों जन्मकुंडली में बलवान  होने से संतान सुख   होता है। |
संतान सुख मे परेशानी के योग :
ऊपर बताये गये  ग्रह निर्बल पाप ग्रह अस्त ,शत्रु –नीच राशि  में लग्न से 6,8 12 वें भाव में स्थित हों , तो संतान प्राप्ति में बाधा आती है | |
 पुत्र या पुत्री :
सूर्य ,मंगल, गुरु पुरुष ग्रह हैं |
शुक्र ,चन्द्र स्त्री ग्रह हैं |
 बुध और शनि नपुंसक ग्रह हैं |
 संतान योग कारक पुरुष ग्रह होने पर पुत्र होता  है।
 संतान योग कारक स्त्री ग्रह होने पर पुत्री होती  है |
शनि और बुध  योग कारक हो  पुत्र व पुत्री होती  है|
ऊपर बताये गये  ग्रह निर्बल पाप ग्रह अस्त ,शत्रु –नीच राशि  में लग्न से 6,8 12 वें भाव में स्थित हों तो ,  पुत्र या पुत्रियों की हानि होगी |
संतान बाधा दूर करने के सरल  उपाय:
-   ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरुवे नमः का जाप करें |
-  गुरु योग कारक होने पर ,तर्जनी में गुरु रत्न पुखराज स्वर्ण में धारण  करें |
-संतान गोपाल स्तोत्र
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम गतः |जाप ,हवन. तर्पण ,ब्राह्मणों को भोजन कराएं |
- किसी गरीब दम्पति की संतान उत्पन्न होने पर बच्चे के उपयोग में आने वाले वस्तुए का दान करना चाहिए।
  -  गायें की सेवा करे द |
- गरीब बालक, बालिकाओं को, पढ़ाएं, लिखाएं, वस्त्र, कापी, पुस्तक, दान देना  है।
- आम, बील, आंवले, नीम, पीपल के पांच पौधे लगाना चाईऐ ।
-गोपाल सहस्रनाम- हरिवंश पुराण   का पाठ करें।-
- पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपाय करें।
- दूध   अंजीर, सफेद प्याज का मुरब्बा  सेवन करें।
-शकर और एलाची  का मिल्क  सेवन करें।
-  भगवान शिव का प्रतिदिन  पूजन करें।
- किसी बड़े का अनादर ना करे।
-  धार्मिक आचरण रखें।
- गरीबों और असहाय खाना खिलाएं, दान करें  की मदद करें।
- किसी अनाथालय में  दान दें।
-कुता  को प्यार करे।
- संतान दोष अथवा पितृ दोष का  उपाय करे  .
- घर का वास्तुदोष का  उपाय करे। 
- हरिवंश पुराण का पाठ या संतान गोपाल मंत्र का जाप कराये .
-बाधक   ग्रहो के उपाय करे।
-  सोने  का उपयोग न करे।
- ताबै का उपयोग  करे।
-ताबै के बर्तन का पानी पीये।
-मास मदिरा का सेवन ना करे। 
-अनुलोम विलोन ,कपालभाति करे। 
-खासी सरदी को ठीक करे।

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