:जन्म कुंडली से जाने संतान सुख :Progeny Prospects by kundali
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जन्म कुंडली से जाने संतान सुख
पांचवें भाव से संतान सुख के बारे मे विचार करते है |
पांचवां भाव ,भाव का राशि व उसका स्वामी , कारक बृहस्पति और सप्तमांश कुंडली, इन सभी का विचार संतान सुख के लिए किया जाता है |
संतान सुख प्राप्ति के ग्रहो का प्रभाव :
पंचम भाव में बलवान शुभ ग्रह गुरु ,शुक्र ,बुध , चन्द्र ,स्व उच्च राशि मे हो तथा लग्न से केन्द्र ,त्रिकोण ,शुभ दृष्ट हो , संतान कारक गुरु , तो ही संतान सुख की मिलता है | शनि मंगल पाप ग्रह भी यदि पंचम भाव में स्व ,मित्र ,उच्च राशि के होने पर भी संतान सुख की मिलता है. पंचम भाव ,पंचमेश तथा कारक गुरु तीनों जन्मकुंडली में बलवान होने से संतान सुख होता है। |
संतान सुख मे परेशानी के योग :
ऊपर बताये गये ग्रह निर्बल पाप ग्रह अस्त ,शत्रु –नीच राशि में लग्न से 6,8 12 वें भाव में स्थित हों , तो संतान प्राप्ति में बाधा आती है | |
पुत्र या पुत्री :
सूर्य ,मंगल, गुरु पुरुष ग्रह हैं |
शुक्र ,चन्द्र स्त्री ग्रह हैं |
बुध और शनि नपुंसक ग्रह हैं |
संतान योग कारक पुरुष ग्रह होने पर पुत्र होता है।
संतान योग कारक स्त्री ग्रह होने पर पुत्री होती है |
शनि और बुध योग कारक हो पुत्र व पुत्री होती है|
ऊपर बताये गये ग्रह निर्बल पाप ग्रह अस्त ,शत्रु –नीच राशि में लग्न से 6,8 12 वें भाव में स्थित हों तो , पुत्र या पुत्रियों की हानि होगी |
संतान बाधा दूर करने के सरल उपाय:
- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरुवे नमः का जाप करें |
- गुरु योग कारक होने पर ,तर्जनी में गुरु रत्न पुखराज स्वर्ण में धारण करें |
-संतान गोपाल स्तोत्र
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम गतः |जाप ,हवन. तर्पण ,ब्राह्मणों को भोजन कराएं |
- किसी गरीब दम्पति की संतान उत्पन्न होने पर बच्चे के उपयोग में आने वाले वस्तुए का दान करना चाहिए।
- गायें की सेवा करे द |
- गरीब बालक, बालिकाओं को, पढ़ाएं, लिखाएं, वस्त्र, कापी, पुस्तक, दान देना है।
- आम, बील, आंवले, नीम, पीपल के पांच पौधे लगाना चाईऐ ।
-गोपाल सहस्रनाम- हरिवंश पुराण का पाठ करें।-
- पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपाय करें।
- दूध अंजीर, सफेद प्याज का मुरब्बा सेवन करें।
-शकर और एलाची का मिल्क सेवन करें।
- भगवान शिव का प्रतिदिन पूजन करें।
- किसी बड़े का अनादर ना करे।
- धार्मिक आचरण रखें।
- गरीबों और असहाय खाना खिलाएं, दान करें की मदद करें।
- किसी अनाथालय में दान दें।
-कुता को प्यार करे।
- संतान दोष अथवा पितृ दोष का उपाय करे .
- घर का वास्तुदोष का उपाय करे।
- हरिवंश पुराण का पाठ या संतान गोपाल मंत्र का जाप कराये .
-बाधक ग्रहो के उपाय करे।
- सोने का उपयोग न करे।
- ताबै का उपयोग करे।
-ताबै के बर्तन का पानी पीये।
-मास मदिरा का सेवन ना करे।
-अनुलोम विलोन ,कपालभाति करे।
-खासी सरदी को ठीक करे।
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जन्म कुंडली से जाने संतान सुख
पांचवें भाव से संतान सुख के बारे मे विचार करते है |
पांचवां भाव ,भाव का राशि व उसका स्वामी , कारक बृहस्पति और सप्तमांश कुंडली, इन सभी का विचार संतान सुख के लिए किया जाता है |
संतान सुख प्राप्ति के ग्रहो का प्रभाव :
पंचम भाव में बलवान शुभ ग्रह गुरु ,शुक्र ,बुध , चन्द्र ,स्व उच्च राशि मे हो तथा लग्न से केन्द्र ,त्रिकोण ,शुभ दृष्ट हो , संतान कारक गुरु , तो ही संतान सुख की मिलता है | शनि मंगल पाप ग्रह भी यदि पंचम भाव में स्व ,मित्र ,उच्च राशि के होने पर भी संतान सुख की मिलता है. पंचम भाव ,पंचमेश तथा कारक गुरु तीनों जन्मकुंडली में बलवान होने से संतान सुख होता है। |
संतान सुख मे परेशानी के योग :
ऊपर बताये गये ग्रह निर्बल पाप ग्रह अस्त ,शत्रु –नीच राशि में लग्न से 6,8 12 वें भाव में स्थित हों , तो संतान प्राप्ति में बाधा आती है | |
पुत्र या पुत्री :
सूर्य ,मंगल, गुरु पुरुष ग्रह हैं |
शुक्र ,चन्द्र स्त्री ग्रह हैं |
बुध और शनि नपुंसक ग्रह हैं |
संतान योग कारक पुरुष ग्रह होने पर पुत्र होता है।
संतान योग कारक स्त्री ग्रह होने पर पुत्री होती है |
शनि और बुध योग कारक हो पुत्र व पुत्री होती है|
ऊपर बताये गये ग्रह निर्बल पाप ग्रह अस्त ,शत्रु –नीच राशि में लग्न से 6,8 12 वें भाव में स्थित हों तो , पुत्र या पुत्रियों की हानि होगी |
संतान बाधा दूर करने के सरल उपाय:
- ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं गुरुवे नमः का जाप करें |
- गुरु योग कारक होने पर ,तर्जनी में गुरु रत्न पुखराज स्वर्ण में धारण करें |
-संतान गोपाल स्तोत्र
ॐ देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि में तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम गतः |जाप ,हवन. तर्पण ,ब्राह्मणों को भोजन कराएं |
- किसी गरीब दम्पति की संतान उत्पन्न होने पर बच्चे के उपयोग में आने वाले वस्तुए का दान करना चाहिए।
- गायें की सेवा करे द |
- गरीब बालक, बालिकाओं को, पढ़ाएं, लिखाएं, वस्त्र, कापी, पुस्तक, दान देना है।
- आम, बील, आंवले, नीम, पीपल के पांच पौधे लगाना चाईऐ ।
-गोपाल सहस्रनाम- हरिवंश पुराण का पाठ करें।-
- पंचम-सप्तम स्थान पर स्थित क्रूर ग्रह का उपाय करें।
- दूध अंजीर, सफेद प्याज का मुरब्बा सेवन करें।
-शकर और एलाची का मिल्क सेवन करें।
- भगवान शिव का प्रतिदिन पूजन करें।
- किसी बड़े का अनादर ना करे।
- धार्मिक आचरण रखें।
- गरीबों और असहाय खाना खिलाएं, दान करें की मदद करें।
- किसी अनाथालय में दान दें।
-कुता को प्यार करे।
- संतान दोष अथवा पितृ दोष का उपाय करे .
- घर का वास्तुदोष का उपाय करे।
- हरिवंश पुराण का पाठ या संतान गोपाल मंत्र का जाप कराये .
-बाधक ग्रहो के उपाय करे।
- सोने का उपयोग न करे।
- ताबै का उपयोग करे।
-ताबै के बर्तन का पानी पीये।
-मास मदिरा का सेवन ना करे।
-अनुलोम विलोन ,कपालभाति करे।
-खासी सरदी को ठीक करे।
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